मंगलवार, 12 जुलाई 2011

जूलिया रॉबर्टस् के बालों में गुड़हल का फूल!


युवा फैशन डिजाइनर निदा महमूद की प्यारी सी तस्वीर देखी एक ग्लैमरस मैग्जीन में। वे इसमें आधुनिक परिधान में हैं, फोटो में दिख रहा परिवेश भी आधुनिक है। करीने से कटे बिलकुल छोटे बालों वाली निदा की केशसज्जा भी स्टाइलिश है। इस सबके बीच एक अलग ही चीज पर नजर जाती है। इस लड़की ने बालों में सुर्ख लाल फूलों का एक गुच्छा लगा रखा है। बालों में लगे ये फूल उसकी भीनी मुस्कान को और आकर्षक बना रहे हैं। इसे इस बात का प्रतीक मानें कि बालों में फूल लगाने का फैशन फिर आ रहा है तो यह एक शुभ संकेत है। इसे देखकर सहसा 'कथा" फिल्म की दीप्ति नवल की याद आ गई, जो बालों में गुड़हल का फूल लगाती है। इसके पीछे फिल्म की निर्देशक सई परांजपे का हास्यबोध तो था ही, यह प्रतीक और भी कुछ कहता था। चाल में रहने वाली हीरोइन के पास न बड़े-बड़े लॉन थे, न फूलों की क्यारियाँ। खोली के बाहर रखे गमले में खिला गुड़हल ही उस सीधी-सादी नायिका का गहना था। न मेकअप, न आभूषण, बस एक गुड़हल। सत्तर के दशक में कई नायिकाओं को बालों में फूल लगाए दिखाया जाता था। खासकर गुलाब का फूल। मैचिंग का भी चलन था, सो पीले, गुलाबी या लाल गुलाब का चयन वस्त्रों के हिसाब से कर लिया जाता था। हीरो अपनी हीरोइन के जूड़े में फूल लगाए यह तो सर्वोच्च रोमांस का प्रतीक था, जो दर्शकों को थ्रिल देता था। उन दिनों बाजारों में वेणी और गजरे वाले भी निकलते थे, साइकल पर अपनी टोकनी में दुकान लेकर, आवाज लगाते हुए। स्त्रियाँ या स्कूली बच्चियाँ शौक से ये बनी-बनाई वेणियाँ खरीदती थीं। मोगरा, जूही या चमेली की वेणियाँ स्त्रियाँ घर में भी बना लेती थीं। जिनके घर मोहल्लों में थे और बगीचा लगाने की खुली जगह नहीं थी, वे भी घर में गमलों में जूही, चमेली तो लगा ही लेते थे। फूलों-फलों से किया जाने वाला श्रृंगार इतना चलन में था कि महिलाएँ लाल-हरे करौंदों की वेणी भी पहन लेती थीं।

लगता है यह इको-फ्रेंडली श्रृंगार फिर लौटेगा। हाल ही में एक और फैशन मैग्जीन में एक ब्रेसलेट देखा, इमली के बीज यानी चीयों का बना हुआ। इस ब्रेसलेट में चीयों का मनकों की तरह इस्तेमाल किया गया था। एक समय था जब आदिवासी और अन्य लोग शंख, सीप, कौड़ी आदि से श्रृंगार करते थे, क्योंकि उन्हें वही उपलब्ध था। मगर अब श्रृंगार की ये वस्तुएँ फिर फैशन में आ रही हैं, अबकि पर्यावरण-मित्र फैशन का माहौल निर्मित करने के लिए। तो करें इंतजार शायद कभी कैटरीना कैफ निबौंलियों की माला पहने मिल जाएँ या जूलिया रॉबर्टस् भारत आए तो कोई प्रशंसक उनके बालों में गुड़हल का फूल लगा दे।

- निर्मला भुराड़िया

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